पीएम मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने बुधवार द्विपक्षीय और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इस दौरान दोनों देशों ने आपसी संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का फैसला किया। भारत-मिस्र ने अगले 5 वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक ले जाने का निर्णय भी लिया।
भारत-मिस्र 12 बिलियन डॉलर तक का करेगा द्विपक्षीय व्यापार
इस संबंध में पीएम मोदी ने बताया कि भारत-मिस्र ने अगले 5 वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक ले जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हमने मिस्र के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का फैसला किया है।
दोनों देशों के बीच पांच करार पर हस्ताक्षर
इसी क्रम में भारत और मिस्र के बीच पांच करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं। दोनों देश द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्षों के उत्सव भी मना रहे हैं। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए एक डाक टिकट भी जारी किया गया। प्रधानमंत्री और मेहमान नेता की दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मुलाकात हुई।
किन मुद्दों पर हुई चर्चा ?
इसके बाद दोनों नेताओं ने अपने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए वार्ता की। इस दौरान राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग, आर्थिक जुड़ाव और वैज्ञानिक सहयोग, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के संपर्क तथा क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने बहुपक्षीय मंचों, विशेष रूप से G20 में सहयोग पर भी चर्चा की। मिस्र G20 में अतिथि देश के रूप में शामिल होने वाला है। इस दौरान मिस्र विकासशील देशों से जुड़ी भारत की पहल वायस ऑफ ग्लोबल साउथ को G20 चर्चाओं में ले जाने के भारत के प्रयास में शामिल होगा।
भारत-मिस्र के बीच हुए समझौता
द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने हैदराबाद हाउस में संयुक्त प्रेस वक्तव्य दिया। इसमें प्रधानमंत्री ने राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, ऊर्जा और आर्थिक क्षेत्रों को शामिल करते हुए रणनीतिक साझेदारी के लिए भारत-मिस्र संबंध के उन्नयन की घोषणा की। दोनों नेताओं की उपस्थिति में भारत और मिस्र ने साइबर सुरक्षा, संस्कृति, सूचना प्रौद्योगिकी, युवा मामलों पर सहयोग और प्रसारण के क्षेत्र में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया।
दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे
पीएम मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में दोनों देशों के बीच डाक टिकटों के आदान-प्रदान के भी साक्षी बने। स्मारक डाक टिकट का आदान-प्रदान रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और मिस्र के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. अम्र अहमद समिह तलत के बीच हुआ।
गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे मिस्र के राष्ट्रपति
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के साथ बातचीत के बाद पीएम मोदी ने कहा कि वह मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत करते हैं। राष्ट्रपति सीसी कल हमारे गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। मुझे खुशी है कि मिस्र की सैन्य टुकड़ी भी परेड में हिस्सा लेगी। यह पूरे भारत के लिए सम्मान और हर्ष का विषय है।
ज्ञात हो, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी 26 जनवरी को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे। 2022-23 में भारत की G-20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को भी ‘अतिथि देश’ के रूप में आमंत्रित किया गया है।
भारत और मिस्र विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मिस्र विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से हैं। हमारे दोनों देशों के बीच कई हजारों वर्षों का अनवरत नाता रहा है। चार हजार वर्षों से भी पहले, गुजरात के लोथल पोर्ट के माध्यम से मिस्र के साथ व्यापार होता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं। इस वर्ष भारत ने अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान मिस्र को अतिथि देश के रूप आमंत्रित किया है, जो हमारी विशेष मित्रता को दर्शाता है।
PM मोदी के कार्यों की हुई प्रशंसा
वहीं अपने वक्तव्य में मिस्र के राष्ट्रपति सिसी ने पीएम मोदी के कार्यों की प्रशंसा की और उन्हें द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के लिए काहिरा (मिस्र) आने का न्यौता दिया। उन्होंने बताया कि वार्ता के दौरान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और जलवायु परिवर्तन से जुड़े कॉप-27 पर चर्चा हुई। सुरक्षा सहयोग, हरित हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन को बढ़ावे के लिए कनेक्टिविटी के मुद्दे सहित सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा की।
द्विपक्षीय सहयोग को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का फैसला
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने तय किया है कि भारत-मिस्र रणनीतिक साझेदारी के तहत हम राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक एवं वैज्ञानिक क्षेत्रों में और अधिक व्यापक सहयोग का दीर्घकालिक ढांचा विकसित करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने आज की बैठक में अपने रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को और मजबूत करने, और आतंकवाद विरोधी संबंधी सूचना एवं इंटेलिजेंस का आदान-प्रदान बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।
आतंकवाद को लेकर चिंतित दोनों देश
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मिस्र आतंकवाद को लेकर चिंतित हैं। दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि सीमा पार आतंकवाद को नियंत्रित करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कोविड प्रकोप के दौरान, हमने दोनों देशों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मिलकर काम किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त अभ्यास प्रशिक्षण और हमारे बीच क्षमता निर्माण में वृद्धि हुई है। हमने कोविड और यूक्रेन संकट के कारण बाधित हुई आपूर्ति श्रृंखला पर भी चर्चा की।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने सभ्यतागत, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों तथा मजबूत P2P संबंधों द्वारा चिह्नित बहुआयामी भारत-मिस्र संबंधों को गति देने के लिए बातचीत की। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी ने द्विपक्षीय वार्ता के लिए पीएम मोदी से हैदराबाद हाउस में मुलाकात की।
राष्ट्रपति भवन में मिस्र के राष्ट्रपति का हुआ औपचारिक स्वागत
इससे पहले राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी का बुधवार सुबह राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत भी किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी और कई अन्य नेता इस अवसर पर मौजूद रहे थे। राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी ने राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
वहीं विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर के साथ भी बुधवार सुबह मिस्र के राष्ट्रपति ने मुलाकात की। मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी ने एक बयान में कहा है कि भारत के राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना उनके लिए बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध संतुलन और स्थिरता पर आधारित है। राष्ट्रपति सीसी ने उम्मीद व्यक्त की है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।
दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना के मना रहे 75 वर्ष
ज्ञात हो, अल-सिसी 24 जनवरी शाम छह बजे विमान से नई दिल्ली पहुंचे थे। उल्लेखनीय है कि भारत और मिस्र इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे है। भारत और मिस्र, दुनिया की दो सबसे पुरानी सभ्यताएं हैं जिन्होंने प्राचीन काल से निकट संपर्क के इतिहास का भरपूर आनंद लिया है।
अशोक व टॉलेमी-द्वितीय के अभिलेखों में मिस्र के साथ इनके संबंधों का उल्लेख भी मिलता है। इसी प्रकार आधुनिक समय में, महात्मा गांधी और साद जघलौल ने भी दोनों देशों की स्वतंत्रता पर साझा लक्ष्यों को साझा किया था। ऐसा ही घनिष्ठ मित्रता का सबूत गमाल अब्देल नासिर और जवाहरलाल नेहरू के बीच मिलता है जिनके कारण दोनों देशों के बीच 1955 में मैत्री संधि हुई थी।
यह पहली बार है कि मिस्र के राष्ट्रपति को हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। 2022-23 में भारत की G-20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को भी ‘अतिथि देश’के रूप में आमंत्रित किया गया है।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार ने 2021-22 में 7.26 बिलियन डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई की हासिल
भारत मिस्र के साथ 3.74 अरब का निर्यात और 3.52 अरब का आयात करता है। देखा जाए तो इससे दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर काफी संतुलन बना हुआ है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार ने 2021-22 में 7.26 बिलियन डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई की हासिल की है। वहीं दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्ते से इस बात के अंदेशा है कि आगामी समय में दोनों देशों की बीच व्यापार में और ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
मिस्र में 50 से अधिक भारतीय कंपनियों ने 3.15 अरब डॉलर से अधिक का किया निवेश
भारत की 50 से अधिक भारतीय कंपनियों ने विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 3.15 बिलियन डॉलर का निवेश किया है जो मिस्र की अर्थव्यवस्था में रसायन, ऊर्जा, कपड़ा, परिधान, कृषि-व्यवसाय और खुदरा इत्यादि क्षेत्रों में शामिल हैं। ऐसे में भारत-मिस्र के बीच हुए 5 करार पर दोनों देशों के बीच व्यापार को और गति प्रदान करने में मदद करेंगे जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते और भी मधुर होंगे।
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने तय किया है कि भारत-मिस्र रणनीतिक साझेदारी के तहत हम राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक एवं वैज्ञानिक क्षेत्रों में और अधिक व्यापक सहयोग का दीर्घकालिक ढांचा विकसित करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने आज की बैठक में अपने रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को और मजबूत करने, और आतंकवाद विरोधी संबंधी सूचना एवं इंटेलिजेंस का आदान-प्रदान बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।
आतंकवाद को लेकर चिंतित दोनों देश
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मिस्र आतंकवाद को लेकर चिंतित हैं। दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि सीमा पार आतंकवाद को नियंत्रित करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कोविड प्रकोप के दौरान, हमने दोनों देशों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मिलकर काम किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त अभ्यास प्रशिक्षण और हमारे बीच क्षमता निर्माण में वृद्धि हुई है। हमने कोविड और यूक्रेन संकट के कारण बाधित हुई आपूर्ति श्रृंखला पर भी चर्चा की।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने सभ्यतागत, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों तथा मजबूत P2P संबंधों द्वारा चिह्नित बहुआयामी भारत-मिस्र संबंधों को गति देने के लिए बातचीत की। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी ने द्विपक्षीय वार्ता के लिए पीएम मोदी से हैदराबाद हाउस में मुलाकात की।
राष्ट्रपति भवन में मिस्र के राष्ट्रपति का हुआ औपचारिक स्वागत
इससे पहले राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी का बुधवार सुबह राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत भी किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी और कई अन्य नेता इस अवसर पर मौजूद रहे थे। राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी ने राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
वहीं विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर के साथ भी बुधवार सुबह मिस्र के राष्ट्रपति ने मुलाकात की। मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी ने एक बयान में कहा है कि भारत के राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना उनके लिए बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध संतुलन और स्थिरता पर आधारित है। राष्ट्रपति सीसी ने उम्मीद व्यक्त की है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।
दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना के मना रहे 75 वर्ष
ज्ञात हो, अल-सिसी 24 जनवरी शाम छह बजे विमान से नई दिल्ली पहुंचे थे। उल्लेखनीय है कि भारत और मिस्र इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे है। भारत और मिस्र, दुनिया की दो सबसे पुरानी सभ्यताएं हैं जिन्होंने प्राचीन काल से निकट संपर्क के इतिहास का भरपूर आनंद लिया है।
अशोक व टॉलेमी-द्वितीय के अभिलेखों में मिस्र के साथ इनके संबंधों का उल्लेख भी मिलता है। इसी प्रकार आधुनिक समय में, महात्मा गांधी और साद जघलौल ने भी दोनों देशों की स्वतंत्रता पर साझा लक्ष्यों को साझा किया था। ऐसा ही घनिष्ठ मित्रता का सबूत गमाल अब्देल नासिर और जवाहरलाल नेहरू के बीच मिलता है जिनके कारण दोनों देशों के बीच 1955 में मैत्री संधि हुई थी।
यह पहली बार है कि मिस्र के राष्ट्रपति को हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। 2022-23 में भारत की G-20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को भी ‘अतिथि देश’के रूप में आमंत्रित किया गया है।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार ने 2021-22 में 7.26 बिलियन डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई की हासिल
भारत मिस्र के साथ 3.74 अरब का निर्यात और 3.52 अरब का आयात करता है। देखा जाए तो इससे दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर काफी संतुलन बना हुआ है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार ने 2021-22 में 7.26 बिलियन डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई की हासिल की है। वहीं दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्ते से इस बात के अंदेशा है कि आगामी समय में दोनों देशों की बीच व्यापार में और ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
मिस्र में 50 से अधिक भारतीय कंपनियों ने 3.15 अरब डॉलर से अधिक का किया निवेश
भारत की 50 से अधिक भारतीय कंपनियों ने विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 3.15 बिलियन डॉलर का निवेश किया है जो मिस्र की अर्थव्यवस्था में रसायन, ऊर्जा, कपड़ा, परिधान, कृषि-व्यवसाय और खुदरा इत्यादि क्षेत्रों में शामिल हैं। ऐसे में भारत-मिस्र के बीच हुए 5 करार पर दोनों देशों के बीच व्यापार को और गति प्रदान करने में मदद करेंगे जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते और भी मधुर होंगे।
(स्रोत : पीबीएनएस)