गुरुवार, 12 जनवरी 2023

उठो...जागो...और तब तक मत रुको...

 उठो...जागो...और तब तक मत रुको...


आज स्वामी विवेकानंद की जयंती है। नरेंद्र नाथ दत्त से स्वामी विवेकानंद बनने तक का सफर हम सबके लिए काफी प्रेरणादायक है। आज राष्ट्रीय  युवा दिवस भी है। भारत सरकार उनके जन्म दिन को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप मनाती है। भारत आज सर्वाधिक युवा आबादी वाला देश है। ऐसे समय में स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व और कृतित्व युवाओं के लिए मार्गदर्शक की भूमिका और महवत्वपूर्ण हो जाती है।

कहते हैं कि जब बालक युवा होता है तो उसमें असीम ऊर्जा का संचार होता है। इस ऊर्जा को अगर सही राह मिल जाए तो वह स्वयं के साथ-साथ समाज और देश के लिए हितकर साबित होती है। युवा मन के ऊर्जा को सही दिशा देने का काम स्वामी विवेकानंद के विचार से अच्छा शायद ही कोई दे पाए। 

आज स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवा मन के लिए कुछ उनके विचार यहां प्रस्तुत कर रहा हूं। आप पढ़ें और अपने आपको ऊर्जावान महसूस करें। 

1.जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते हैं तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते। 

2. उठो, जागो और लक्ष्य पूरा होने तक मत रुको।

3. आप जोखिम लेने से भयभीत न हो,यदि आप जीतते हैं, तो आप नेतृत्व  करते हैं और यदि हारते हैं तो आप दूसरों का मार्दर्शन कर सकते हैं।

4.   एक रास्ता खोजो, उस पर विचार करो, उस विचार को अपना जीवन बना लो, उसके बारे में सोचो, उसका सपना देखो, उस विचार पर जियो, मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, आपके शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भर दो, और किसी अन्य विचार को जगह मत दो, सफलता का यही रास्ता है।

5. अपने इरादों को मज़बूत रखो। लोग जो कहेंगे उन्हें कहने दो। एक दिन वही लोग तुम्हारा गुणगान करेंगे।

6. हम जैसा सोचते हैं बाहर की दुनिया बिलकुल वैसी ही है. हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं. सम्पूर्ण  संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है तो चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने की।

7. अनुभव ही आपका सर्वोत्तम शिक्षक है। जब तक जीवन है सीखते रहो।

8. समय का पाबंद होना, लोगों पर आपके विश्वास को बढ़ाता है।

9. जब आप व्यस्त होते हैं तो सब कुछ आसान सा लगता है परन्तु आलसी होने पर कुछ भी आसान नहीं लगता है।

10. बड़ी योजना की प्राप्ति के लिए, कभी भी ऊंची छलांग मत लगाओ। धीरे धीर शुरू करो, अपनी ज़मीन बनाये रखो और आगे बढ़ते रहो।

11. संघर्ष करना जितना कठिन होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।

12. यही आप मुझको पसंद करते हो तो, मैं आपके दिल में हूँ।  यदि आप मुझसे नफरत करते हो , तो मैं आपके मन में हूँ।

13. यदि आपके लक्ष्य मार्ग पर  कोई समस्या न आये तो आप यह सुनिश्चित करले कि आप गलत रास्ते में जा  रहे हैं।
 दिन में कम से कम एक बार खुद से जरूर बात करें अन्यथा आप एक उत्कृष्ट व्यक्ति के साथ एक बैठक गँवा देंगे।

14. चिंतन करो, चिंता नहीं , नए विचारों को जन्म दो।

15. हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है। 

16. एक नायक बनो और सदैव खुद से कहो मुझे कोई डर नहीं है जैसा मैं सोच सकता हूं वैसा जीवन में जी भी सकता हूँ।

17. जीवन का रास्ता स्वयं बना बनाया नहीं मिलता। इसे बनाना पड़ता है। जिसने जैसा मार्ग बनाया उसे वैसी ही मंजिल मिलती है।

18. किसी की निंदा ना करें, अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं तो ज़रुर बढ़ाएं, अगर नहीं बढ़ा सकते तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये और उन्हें उनके मार्ग पर जाने दीजिये।

19. मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं।

20. जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे, यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।

21. यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।

22. जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है, शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक। उसे जहर की तरह त्याग दो।

23. प्राचीन धर्मों ने कहा, “वह नास्तिक है, जो भगवान में विश्वास नहीं करता।” नया धर्म कहता है, “नास्तिक वह है जो खुद पर विश्वास नहीं करता।

24. जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता।

25. हम जो बोते हैं वही काटते हैं। हम हमारी किस्मत के खुद ही निर्माता हैं। हमारी परिस्थिति  के लिए हम किसी को भी दोषी नहीं ठहरा सकते या किसी की भी स्तुति नहीं कर सकते।

26. मौन, क्रोध की सर्वोत्तम चिकित्सा है।

27. बल ही जीवन है और दुर्बलता मृत्यु।

28. ज्ञान का प्रकाश सभी अंधेरों को खत्म कर देता है।

29. मेहनत से जीवन की हर मुश्किल से बाहर निकला जा सकता है।

30. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।

31. उस ज्ञान उपार्जन का कोई लाभ नहीं जिसमे समाज का कल्याण न हो।

32. जीवन का रहस्य केवल आनंद नहीं बल्कि अनुभव के माध्यम से सीखना है।

33. अनेक देशों में भ्रमण करने के पश्चात् मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि संगठन के बिना संसार में कोई भी महान एवं स्थाई कार्य नहीं किया जा सकता।


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