ग़ज़ल
हौसला अपना बनाये रखना
आस का दीया जलाए रखना.
ज़िन्दगी हर क़दम पे झटके खिलाएगी
क़दम फिर भी बढ़ाए रखना.
इच्छाओं ने लूटा है बार-बार
उम्मींदों का आशियाँ बसाये रखना.
हो गई है जिस्म अब बाज़ार की
हो सके तो थोड़ा ज़मीर बचाए रखना.
सफ़र हो सकता है तवील जीस्त का
आशाओं के क़दम चलाये रखना.
घुड़दौड़ तमन्नाओं में रिश्ते छूट गए
मिलें कहीं तो " प्रताप " ख़ुलूस बनाये रखना.
प्रबल प्रताप सिंह
बेहतरीन रचना.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
बढ़िया है जी.
जवाब देंहटाएंघुड़दौड़ तमन्नाओं में रिश्ते छूट गए
जवाब देंहटाएंमिलें कहीं तो " प्रताप " ख़ुलूस बनाये रखना.
....bahut gahre bhav...bahut achhi rachna..
haardik shubhkamnayne
Soni ji, kajal ji or kavita comment k liey tahe dil se dhanyvaad...!!
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